Concepts about male sterility and their uses in crop improvement

Male Sterility (नर बंध्यता):- जब किसी पौधे के परागकण निर्जीव व निष्क्रिय होते हैं तथा मादा युग्मक सजीव व सक्रिय होते हैं तो इसे नर बंध्यता कहते हैं। ऐसा बहुत कम होता है। उत्परिवर्तन के कारण ऐसा होता है। नर बंध्यता तीन प्रकार की होती है:-

(When the pollens of a plant are dead and inactive, while the female gametes are alive and active, it is called male sterility. This occurs very rarely. This occurs due to mutation. There are three types of male sterility: -)

1. आनुवांशिक नर बंध्यता (Genetic Male Sterility = GMS)

2. कोशिकाद्रव्यी नर बंध्यता (Cytoplasmic Male Sterility = CMS) 

3. कोशिकाद्रव्यी आनुवांशिक नर बंध्यता (Cytoplasmic Genetic Male Sterility = CGMS)

1. आनुवांशिक नर बंध्यता (Genetic Male Sterility = GMS):- जब केन्द्रक में उपस्थित एक अप्रभावी जीन के द्वारा नर बंध्यता का नियंत्रण होता है तो इसे आनुवांशिक नर बंध्यता (GMS) कहते हैं।

[When male sterility is controlled by a recessive gene present in the nucleus, it is called genetic male sterility (GMS).]

MS जीन = नर उर्वरता के लिए        

(MS gene = For male fertility)           

ms जीन = नर बंध्यता के लिए

(ms gene = For male sterility)


MS MS = नर उर्वर पौधा (Male fertile plant)

MS ms = नर उर्वर पौधा (Male fertile plant)

ms ms = नर बंध्य पौधा (Male sterile plant)

Maintenance (अनुरक्षण):- GMS के अनुरक्षण के लिए नर बंध्य पौधों का विषमयुग्मजी नर उर्वर पौधों से क्रॉस कराते हैं। इसके फलस्वरूप प्रत्येक पीढ़ी में 50 प्रतिशत नर बंध्य पौधे प्राप्त होते हैं।

(For maintaining GMS, male sterile plants are cross heterozygous male fertile plants. As a result, 50 percent male sterile plants are obtained in each generation.)

संकर बीज उत्पादन में उपयोग (Application in hybrid seed production):- संकर बीज उत्पादन के लिए नर बंध्य वंशक्रम को मादा जनक के रूप में उपयोग किया जाता है तथा उपयुक्त नर जनक वंशक्रम के साथ क्रॉस कराया जाता है। अरंडी व अरहर की फसल में GMS के उपयोग से संकर बीज का उत्पादन किया जाता है।

(For hybrid seed production, the male sterile line is used as the female parent and crosses with the appropriate male parent line. Hybrid seeds are produced using GMS in Castor and Pigeon pea crops.)

EGMS (Environment sensitive GMS):- आनुवांशिक नर बंध्यता पर वातावरण का बहुत अधिक प्रभाव पड़ता है। प्रकाशकाल व तापमान के द्वारा आनुवांशिक नर बंध्यता का निर्धारण किया जाता है। इस गुण का उपयोग धान की फसल में संकर बीज उत्पादन में किया जाता है। इस प्रकार EGMS दो प्रकार की होती है:

(The environment has a great impact on genetic male sterility. Genetic male sterility is determined by photo period and temperature. This property is used in hybrid seed production in paddy crop. Thus, there are two types of EGMS:)

i. TGMS (Temperature sensitive GMS)

ii. PGMS (Photoperiod sensitive GMS)

i. TGMS (Temperature sensitive GMS):- धान की फसल में आनुवांशिक नर बंध्यता पर तापमान का प्रभाव पड़ता है। 28°C से कम तापमान पर धान के पौधे पूर्णतया नर उर्वर होते हैं जबकि 30°C से अधिक तापमान पर धान के पौधे पूर्णतया नर बंध्य होते हैं। 

(Temperature has an effect on genetic male sterility in paddy crop. At temperatures below 28 ° C, paddy plants are completely male fertile while at temperatures above 30 °C, paddy plants are completely male sterile.)

TGMS line का अनुरक्षण (Maintenance of TGMS line):- इसके लिए धान के पौधों को ऐसे क्षेत्र में उगाया जाता है जहां का तापमान 28°C से कम रहता है। इस तापमान पर धान के पौधे पूर्ण नर उर्वर होते हैं। पौधों में स्वपरागण होने देते हैंजिसके फलस्वरूप TGMS line के पौधे प्राप्त होते हैं जैसा कि नीचे diagram में प्रदर्शित किया गया है।

(For this, paddy plants are grown in an area where the day temperature remain below 28 ° C. At this temperature, paddy plants are fully male fertile. Now allow self-pollination in plants, resulting in the production of TGMS line seeds and then plants as shown in the diagram below.)

  

संकर बीज उत्पादन (Hybrid Seed Production):- इसके लिए धान के पौधों को ऐसे क्षेत्र में उगाया जाता है जहां का तापमान 30°C से अधिक रहता है। इस तापमान पर धान के पौधे पूर्ण नर बंध्य होते हैं जिन्हें मादा जनक के रूप में उपयोग किया जा सकता है। अब इन नर बंध्य मादा जनक पौधों का उपयुक्त नर जनक पौधे से क्रॉस कराया जाता है जिसके फलस्वरूप संकर बीज प्राप्त होते हैं जैसा कि नीचे diagram में प्रदर्शित किया गया है।

(For this, paddy plants are grown in an area where the temperature is above 30 ° C. At this temperature paddy plants are fully male sterile which can be used as female parent. Now these male sterile female parent plants are crossed with the appropriate male parent plant, resulting in the production of hybrid seeds as shown in the diagram below.)

  


ii. PGMS (Photoperiod sensitive GMS):- धान की फसल में आनुवांशिक नर बंध्यता पर प्रकाशकाल का भी प्रभाव पड़ता है। 10 घण्टे के प्रकाशकाल पर धान के पौधे पूर्णतया नर उर्वर होते हैं जबकि 14 घण्टे के प्रकाशकाल पर धान के पौधे पूर्णतया नर बंध्य होते हैं। 

(Photo period also has an effect on genetic male sterility in paddy crop. Paddy plants are fully male fertile at 10 hours of light period, while at 14 hours of light, paddy plants are completely male sterile.)

PGMS line का अनुरक्षण (Maintenance of PGMS line):- इसके लिए धान के पौधों को ऐसे क्षेत्र में उगाया जाता है जहां पर प्रकाशकाल 10 घण्टे के लिए उपलब्ध रहता है। इस प्रकाशकाल पर धान के पौधे पूर्ण नर उर्वर होते हैं। पौधों में स्वपरागण होने देते हैंजिसके फलस्वरूप PGMS line के पौधे प्राप्त होते हैं जैसा कि नीचे diagram में प्रदर्शित किया गया है।

(For this, paddy plants are grown in an area where light period remain available for 10 hours. Paddy plants are fully male fertile in this condition. Now allow self-pollination in plants, resulting in the production of PGMS line seeds and then plants as shown in the diagram below.)

  

संकर बीज उत्पादन (Hybrid Seed Production):- इसके लिए धान के पौधों को ऐसे क्षेत्र में उगाया जाता है जहां पर प्रकाशकाल 14 घण्टे के लिए रहता है। इस प्रकाशकाल पर धान के पौधे पूर्ण नर बंध्य होते हैं जिन्हें मादा जनक के रूप में उपयोग किया जा सकता है। अब इन नर बंध्य मादा जनक पौधों का उपयुक्त नर जनक पौधे से क्रॉस कराया जाता है जिसके फलस्वरूप संकर बीज प्राप्त होते हैं जैसा कि नीचे diagram में प्रदर्शित किया गया है।

(For this, paddy plants are grown in an area where the light period lasts for 14 hours. Paddy plants are fully male sterile in this condition which can be used as female parent. Now these male sterile female parent plants are crossed with the appropriate male parent plant, resulting in the production of hybrid seeds as shown in the diagram below.)

2. कोशिकाद्रव्यी नर बंध्यता (Cytoplasmic Male Sterility = CMS):- जब कोशिकाद्रव्य के द्वारा नर बंध्यता का नियंत्रण होता है तो इसे कोशिकाद्रव्यी नर बंध्यता (CMS) कहते हैं। जब निषेचन होता है तो नर जनक से केवल केन्द्रक आता है और मादा जनक से केन्द्रक व कोशिकाद्रव्य दोनों आते हैं। इसलिए जब नर बंध्य मादा जनक का नर जनक से क्रॉस कराया जाता है तो प्राप्त होने वाले संकर बीजों से उत्पन्न होने वाले सभी पौधे नर बंध्य होते हैं जैसा की नीचे diagram में प्रदर्शित किया गया है।

[When male sterility is controlled by cytoplasm, it is called cytoplasmic male sterility (CMS). When fertilization occurs, only the nucleus comes from the male parent, while both the nucleus and cytoplasm come from the female parent. So when the male sterile female parent is crossed with the male parent, all the plants produced from the hybrid seeds are male sterile as shown in the diagram below.]

संकर बीज उत्पादन (Hybrid Seed Production):- ऐसी फसलें जिनमें बीज आर्थिक महत्व का होता है उनमें संकर बीज उत्पादन के लिए CMS का उपयोग नहीं किया जा सकता। परन्तु ऐसी फसलें जिनमें बीज की बजाय कोई कायिक भाग आर्थिक महत्व का होता है उनमें संकर बीज उत्पादन के लिए सीएमएस का उपयोग किया जाता है। जैसे - प्याज, लहसुन, गाजर, मूली आदि।

(CMS cannot be used for hybrid seed production in crops in which seed is of economic importance. But in crops where a somatic part is of economic importance rather than seed, CMS is used for hybrid seed production. Such as onion, garlic, carrot, radish etc.)

3. कोशिकाद्रव्यी आनुवांशिक नर बंध्यता (Cytoplasmic Genetic Male Sterility = CGMS):- जब केन्द्रक तथा कोशिकाद्रव्य दोनों के द्वारा नर बंध्यता का नियंत्रण होता है तो इसे कोशिकाद्रव्यी आनुवांशिक नर बंध्यता (CGMS) कहते हैं। कोशिकाद्रव्य मुख्य नियंत्रक होता है। केन्द्रक में उपस्थित प्रभावी जीन को पुन: स्थापक जीन कहते है जो कोशिकाद्रव्य के नर बंध्य प्रभाव को रोककर नर उर्वरता को पुन: स्थापित करने का कार्य करता है। इसे R से प्रदर्शित करते हैं। r निष्क्रिय जीन होता है।

[When male sterility is controlled by both nucleus and cytoplasm, it is called cytoplasmic genetic male sterility (CGMS). Cytoplasm is the main controller. The dominant gene present in the nucleus is called restorative gene, which acts to restore male fertility by preventing the male sterile effect of cytoplasm. We denote this as R letter. While r is the inactive gene.]

R जीन = नर उर्वरता के लिए  

(R gene = For male fertility)                                              

r जीन = निष्क्रिय होता है।

(r gene = For male sterility)


RR = नर उर्वर पौधा (Male fertile plant)

Rr = नर उर्वर पौधा (Male fertile plant)

rr = कोशिकाद्रव्य द्वारा निर्धारण होता है।

(Determined by cytoplasm.)


नीचे diagram में केन्द्रक व कोशिकाद्रव्य के विभिन्न संयोजन दिये गए है:-

(Different combinations of nucleus and cytoplasm are given in the following diagram: -)

संकर बीज उत्पादन (Hybrid Seed Production):- CGMS का संकर बीज उत्पादन में सर्वाधिक उपयोग किया जाता है। CGMS के उपयोग से संकर बीज उत्पादन के लिए Three line system विकसित किया गया है जिसमें निम्न तीन lines होती हैं:

(CGMS is most commonly used in hybrid seed production. A three line system has been developed for hybrid seed production using CGMS which consists of the following three lines:)

i. A – line:- यह नर बंध्य वंशक्रम है जिसे मादा जनक के रूप में उपयोग करते हैं।

(It is a male sterile line that is used as a female parent.)

ii. B – line:- यह नर उर्वर वंशक्रम है जिसे नर जनक के रूप में उपयोग किया जाता है। यह अनुरक्षक line है जो नर बंध्य A – line को अनुरक्षित करने का कार्य करती है।

(It is a male fertile line which is used as a male parent. It is the maintainer line that works to maintain the male sterile A - line.)

iii. R – line:- यह नर उर्वर वंशक्रम है जिसे नर जनक के रूप में उपयोग किया जाता है। यह पुन:स्थापक line है जो नर उर्वरता को पुन: स्थापित करने का कार्य करती है।

(It is a male fertile line which is used as a male parent. It is a restore line that works to restore the male fertility in hybrid plants.)

A – line के अनुरक्षण के लिए इसका क्रॉस B – line के साथ कराया जाता है। संकर बीज उत्पादन के लिए A – line का क्रॉस R – line के साथ कराया जाता है जैसा कि नीचे diagram में प्रदर्शित किया गया है।

(To maintain the A-line, its cross is made with the B-line. For hybrid seed production, the A-line crosses with the R-line as shown in the diagram below.)