Self and interspecific incompatibility
Self Incompatibility (स्वअनिषेच्यता):-
· जब एक पुष्प के परागकण उसी पुष्प या उसी पौधे के अन्य पुष्प को निषेचित करने में असमर्थ होते हैं तथा अन्य पौधे के पुष्प को निषेचित करने में समर्थ होते हैं तो इसे स्वअनिषेच्यता कहते हैं। लगभग 3000 से भी अधिक पौधों में यह पायी जाती है।
(When pollens of a flower are unable to fertilize the same flower or other flower of the same plant and are able to fertilize the flower of the other plant, it is called self-incompatibility. It is found in more than 3000 plants.)
· जब एक अनिषेच्य परागकण वर्तिकाग्र को परागित करता है तो यह निम्न 4 अवस्थाओं में से किसी एक पर वृद्धि को रोक लेता है जिससे स्व निषेचन असफल हो जाता है:-
(When an incompatible pollen pollinates the stigma, it stops growth at any one of the following 4 stages, causing failure of self-fertilization:-)
i. वर्तिकाग्र पर परागकण अंकुरित नहीं होता है।
(Pollen does not germinate on stigma.)
ii. वर्तिकाग्र पर परागकण अंकुरित होता है परन्तु परागनाल वर्तिकाग्र को भेद नहीं पाती है।
(Pollen germinates on the stigma, but the pollen tube does not penetrate the stigma.)
iii. परागनाल वर्तिकाग्र को भेदने के पश्चात बहुत धीमी गति से वृद्धि करती है।
(The pollen tube grows very slowly after penetrating the stigma.)
iv. निषेचन होने पर भ्रूण अत्यन्त तरुण अवस्था में ही नष्ट हो जाता है।
(Upon fertilization, the embryo is destroyed in a very young state.)
स्वअनिषेच्यता के प्रकार (Types of Self Incompatibility):- पुष्पों की बाह्य आकारिकी के आधार पर यह दो प्रकार की होती है -
(On the basis of external morphology of flowers it is of two types -)
A. समरूपी स्वअनिषेच्यता (Homomorphic Self Incompatibility)
B. विषमरूपी स्वअनिषेच्यता (Heteromorphic Self Incompatibility)
A. समरूपी स्वअनिषेच्यता (Homomorphic Self Incompatibility):- जब एक किस्म के सभी पौधों के पुष्प बाह्य आकारिकी में एक समान होते हैं तो इसे समरूपी स्वअनिषेच्यता कहते हैं। यह एक जीन S के द्वारा नियंत्रित होती है जिसके बहु युग्मविकल्पी S1, S2, S3, S4 आदि होते हैं।
(When the flowers of all the plants of a variety are similar in external morphology, it is called homomorphic self-incompatibility. It is controlled by a gene S which has multiple alleles S1, S2, S3, S4 etc.)
यह दो प्रकार की होती है -
(It is of two types -)
1. बीजाणुदभिदीय स्वअनिषेच्यता (Sporophytic Self Incompatibility)
2. युग्मकोदभिदीय स्वअनिषेच्यता (Gametophytic Self Incompatibility)
1. बीजाणुदभिदीय स्वअनिषेच्यता (Sporophytic Self Incompatibility):- जब स्वअनिषेच्यता पौधे के जीन प्रारूप द्वारा निर्धारित होती है तो इसे बीजाणुदभिदीय स्वअनिषेच्यता कहते हैं। इसमें मादा जनक पौधे या वर्तिकाग्र के जीन प्रारूप की तुलना नर जनक पौधे के जीन प्रारूप से की जाती है। 50℅ या 100℅ समानता होने पर निषेचन नहीं होता है तथा केवल 100℅ असमानता होने पर ही निषेचन होता है। जैसा कि नीचे diagram में प्रदर्शित किया गया है।
(When self incompatibility is determined by the genotype of the plant, it is called sporophytic self incompatibility. In this, the genotype of the female parent plant or stigma is compared to the genotype of the male parent plant. Fertilization does not occur if there is a 50℅ or 100℅ equality, and fertilization occurs only if there is a 100℅ inequality. As shown in the diagram below.)
उदाहरण (Examples):- सरसों, शलजम, गोभी आदि।
(Mustard, Turnip, Cabage, Cauliflower etc.)
2. युग्मकोदभिदीय स्वअनिषेच्यता (Gametophytic Self Incompatibility):- जब स्वअनिषेच्यता परागकण के जीन प्रारूप द्वारा निर्धारित होती है तो इसे युग्मकोदभिदीय स्वअनिषेच्यता कहते हैं। इसमें मादा जनक पौधे या वर्तिकाग्र के जीन प्रारूप की तुलना परागकण के जीन प्रारूप से की जाती है। समानता होने पर निषेचन नहीं होता है तथा असमान होने पर निषेचन हो जाता है। जैसा कि नीचे diagram में प्रदर्शित किया गया है।
(When self incompatibility is determined by the genotype of pollens, it is called gametophytic self-incompatibility. In this, the genotype of the female parent plant or stigma is compared to the genotype of pollens. Fertilization does not occur when there is equality and fertilization takes place when there is inequality. As shown in the diagram below.)
उदाहरण (Examples):- आलू, टमाटर, तम्बाकू, चुकंदर आदि।
(Potato, Tomato, Tobacco, Beet etc.)
B. विषमरूपी स्वअनिषेच्यता (Heteromorphic Self Incompatibility):- जब एक किस्म के पौधों के पुष्प बाह्य आकारिकी में विषमता दर्शाते हैं तो इसे विषमरूपी स्वअनिषेच्यता कहते हैं। यह दो प्रकार की होती है -
(When the flowers of plants of a variety show asymmetry in external morphology, it is called heteromorphic self incompatibility. It is of two types -)
1. द्विवर्तिकी (Distyly)
2. त्रिवर्तिकी (Tristyly)
1. द्विवर्तिकी (Distyly):- जब पौधों के पुष्पों में वर्तिका की दो प्रकार की लंबाई पायी जाती है तो इसे द्विवर्तिकी कहते हैं। वर्तिका की लंबाई के आधार पर पुष्प दो प्रकार के होते हैं –
(When two types of length of style are found in the flowers of plants, it is called distyly. Depending on the length of the style, there are two types of flowers -)
i. पिन पुष्प (Pin flowers):- इन पुष्पों की वर्तिका लम्बी होती है व पुंकेसर छोटे होते है जैसा की नीचे diagram में प्रदर्शित किया गया है।
(The styles of these flowers are long and the stamens are small as shown in the diagram below.)
ii. थ्रम पुष्प (Thrum flowers):- इन पुष्पों की वर्तिका छोटी होती है व पुंकेसर लम्बे होते है जैसा की नीचे diagram में प्रदर्शित किया गया है।
(The styles of these flowers are small and the stamens are long as shown in the diagram below.)
· किसी भी पौधे पर या तो पिन पुष्प बनते है और या फिर थ्रम पुष्प बनते हैं। दोनों प्रकार के पुष्प एक ही पौधे पर कभी भी नहीं बनते हैं। इस प्रकार पौधों के 2 स्वअनिषेच्य समूह बनते हैं – पिन पुष्प वाले पौधे और थ्रम पुष्प वाले पौधे।
(On any plant, either pin flowers or thrum flowers are formed. Both types of flowers never grow on the same plant. In this way 2 self-incompatible groups of plants are formed - pin flowering plants and thrum flowering plants.)
Øपिन पुष्प वाले पौधे का पिन पुष्प वाले पौधे से क्रॉस करने पर बीज नहीं बनते हैं।
(The pin flower plant do not produce seeds when crossed with the pin flower plant.)
Øथ्रम पुष्प वाले पौधे का थ्रम पुष्प वाले पौधे से क्रॉस करने पर बीज नहीं बनते हैं।
(The thrum flower plant do not produce seeds when crossed with the thrum flower plant.)
Øपिन पुष्प वाले पौधे का थ्रम पुष्प वाले पौधे से क्रॉस करने पर बीज बनते हैं।
(The pin flower plant produce seeds when crossed with the thrum flower plant.)
· यह पद्धति कुछ फसलों में पायी जाती है जैसे – शकरकन्द, Buckwheat (कुट्टू), Primula आदि।
(This method is found in some crops such as sweet potato, buckwheat, primula etc.)
· यह एक जीन S के द्वारा नियंत्रित होती है जिसके दो युग्मविकल्पी S व s होते हैं।
(It is controlled by a gene S, which has two alleles S and s.)
थ्रम पुष्प वाले पौधे = Ss (विषमयुग्मजी)
[Thrum flower plants = Ss (heterozygous)]
पिन पुष्प वाले पौधे = ss (समयुग्मजी)
[Pin flower plant = ss (homozygous)]
· निषेच्य क्रॉसिंग (Compatible Crossing):-
पिन X थ्रम = ss X Ss
थ्रम X पिन = Ss X s
· अनिषेच्य क्रॉसिंग (Incompatible Crossing):-
पिन X पिन = ss X ss
थ्रम X थ्रम = Ss X Ss
2. त्रिवर्तिकी (Tristyly):- जब पौधों के पुष्पों में वर्तिका की तीन प्रकार की लंबाई पायी जाती है तो इसे त्रिवर्तिकी कहते हैं। वर्तिका की लंबाई के आधार पर पुष्प तीन प्रकार के होते हैं –
(When three types of length of style are found in the flowers of plants, it is called tristyly. There are three types of flowers depending on the length of the style.)
i. लम्बी वर्तिका वाले पुष्प (Long Style Flowers = L):- इन पुष्पों की वर्तिका लम्बी होती है व पुंकेसर छोटे होते है जैसा की नीचे diagram में प्रदर्शित किया गया है।
(The styles of these flowers are long and the stamens are small as shown in the diagram below.)
ii. मध्यम वर्तिका वाले पुष्प (Medium Style Flowers = M):- इन पुष्पों की वर्तिका व पुंकेसर दोनों बराबर व मध्यम लम्बाई के होते हैं जैसा की नीचे diagram में प्रदर्शित किया गया है।
(Both the styles and stamens of these flowers are of equal and medium length as shown in the diagram below.)
iii. छोटी वर्तिका वाले पुष्प (Short Style Flowers = S):- इन पुष्पों की वर्तिका छोटी होती है व पुंकेसर लम्बे होते हैं जैसा की नीचे diagram में प्रदर्शित किया गया है।
(The styles of these flowers are small and the stamens are long as shown in the diagram below.)
· किसी एक पौधे के सभी पुष्पों में वर्तिका की लम्बाई एक समान होती है। भिन्न वर्तिका लम्बाई वाले पुष्प एक ही पौधे पर कभी भी नहीं बनते हैं। एक समान वर्तिका लम्बाई वाले सभी पौधे एक ही स्वअनिषेच्य समूह में आते हैं। इस प्रकार पौधों के 3 स्वअनिषेच्य समूह बनते हैं – L, M व S.
(The length of the styles is the same in all the flowers of a plant. Flowers of different style length never form on the same plant. All plants of equal style length are in the same self-incompatible group. In this way 3 self-incompatible groups of plants are formed - L, M and S.)
ØL समूह के पौधे का L समूह के पौधे से क्रॉस करने पर बीज नहीं बनते हैं।
(Seeds are not formed when the L group plant is crossed up with the L group plant.)
ØM समूह के पौधे का M समूह के पौधे से क्रॉस करने पर बीज नहीं बनते हैं।
(Seeds are not formed when the M group plant is crossed up with the M group plant.)
ØS समूह के पौधे का S समूह के पौधे से क्रॉस करने पर बीज नहीं बनते हैं।
(Seeds are not formed when the S group plant is crossed up with the S group plant.)
ØL समूह के पौधे का M समूह के पौधे से क्रॉस करने पर बीज बनते हैं।
(Seeds are formed when the L group plant is crossed up with the M group plant.)
ØM समूह के पौधे का S समूह के पौधे से क्रॉस करने पर बीज बनते हैं।
(Seeds are formed when the M group plant is crossed up with the S group plant.)
ØS समूह के पौधे का L समूह के पौधे से क्रॉस करने पर बीज बनते हैं।
(Seeds are formed when the S group plant is crossed up with the L group plant.)
· निषेच्य क्रॉसिंग (Compatible Crossing):-
L X M
M X S
S X L
· अनिषेच्य क्रॉसिंग (Incompatible Crossing):-
L X L
M X M
S X S
· यह पद्धति Lythrum salicarea में पायी जाती है।
(This method is found in Lythrum salicarea.)
Interspecific incompatibility:- Interspecific incompatibility refers to the failure of pollen from one species to germinate and/or grow on the stigma of another species (for a review, see Taylor 1996). Intraspecific incompatibility is incompatibility that occurs within a species.